गुर्जर आरक्षण का मामला
गुर्जर आरक्षण का मामला: ओबीसी कोटे में से ही 5 फीसदी आरक्षण पर अड़े गुर्जर
HEMRAJ GURJAR JAITGARH
9828040794
Publish: Nov, 29 2017 07:05:29 (IST)
JAIPUR, RAJASTHAN, INDIA
आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई।
जयपुर। आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई। सरकार से हुई बातचीत में इस बार गुर्जर आरक्षण मिलने में कोई कानूनी चूक न हो, इसे लेकर पूरी तरह सर्तक हैं। गुर्जर नेता सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि उन्हें भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी निर्णयों के मुताबिक ही पांच फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए ताकि आरक्षण किसी तरह की कानूनी पेचीदगियों में न उलझे।
गुर्जरों की इसी प्रमुख मांग पर आज इंदिरा गांधी पंचायतीराज भवन में सरकार और गुर्जर नेताओं की वार्ता हुई। इस वार्ता में गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैंसला, केप्टन हरप्रसाद, हिम्मत सिंह, एडवोकेट अतर सिंह भडाना समेत कई गुर्जर नेता समेत कई नेता मौजूद रहे।
जबकि सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड और हेमसिंह भडाना मौजूद रहे। करीब एक घंटे इस वार्ता के बाद गुर्जर नेता बैंसला ने कहा कि हमारी मुख्य मांग पचास फीसदी आरक्षण के अंदर ही आरक्षण की है।
गुर्जर नेताओं ने अपने पहले प्रस्ताव के रूप में सरकार से ओबीसी के लिए निर्धारित 21 फीसदी आरक्षण का वर्गीकरण करते हुए इसमें से 5 फीसदी आरक्षण गुर्जर समेत पांच जातियों को दे दिया जाए। इसके साथ ही गुर्जरों ने दूसरे प्रस्ताव के रूप में सरकार से मांग की कि उन्हें चार फीसदी आरक्षण ओबीसी कोटे में से दिया जाएगा जबकि एक फीसदी आरक्षण विशेष पिछडा मानते हुए संविधान के अधिकतम 50 फीसदी आरक्षण के प्रावधानों का लाभ देकर दिया जाए। दूसरे प्रस्ताव को अगर सरकार मानती है तो राज्य में मौजूदा आरक्षण 49 फीसदी से बढकर 50 फीसदी करना होगा।
गुर्जर नेताओं के इन दोनों प्रस्तावों पर सरकार ने विचार विमर्श कर विधिक राय लेने के लिए गुर्जर नेताओं से एक महीने का समय मांगा। मंत्रियों ने नेताओं से कहा कि अभी गुजराव चुनाव में पार्टी नेतृत्व और आलाकमान व्यस्त हैं। ऐसे में उन्हें राय मशविरा करने के लिए समय दिया जाए।
HEMRAJ GURJAR JAITGARH
9828040794
Publish: Nov, 29 2017 07:05:29 (IST)
JAIPUR, RAJASTHAN, INDIA
आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई।
जयपुर। आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई। सरकार से हुई बातचीत में इस बार गुर्जर आरक्षण मिलने में कोई कानूनी चूक न हो, इसे लेकर पूरी तरह सर्तक हैं। गुर्जर नेता सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि उन्हें भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी निर्णयों के मुताबिक ही पांच फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए ताकि आरक्षण किसी तरह की कानूनी पेचीदगियों में न उलझे।
गुर्जरों की इसी प्रमुख मांग पर आज इंदिरा गांधी पंचायतीराज भवन में सरकार और गुर्जर नेताओं की वार्ता हुई। इस वार्ता में गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैंसला, केप्टन हरप्रसाद, हिम्मत सिंह, एडवोकेट अतर सिंह भडाना समेत कई गुर्जर नेता समेत कई नेता मौजूद रहे।
जबकि सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड और हेमसिंह भडाना मौजूद रहे। करीब एक घंटे इस वार्ता के बाद गुर्जर नेता बैंसला ने कहा कि हमारी मुख्य मांग पचास फीसदी आरक्षण के अंदर ही आरक्षण की है।
गुर्जर नेताओं ने अपने पहले प्रस्ताव के रूप में सरकार से ओबीसी के लिए निर्धारित 21 फीसदी आरक्षण का वर्गीकरण करते हुए इसमें से 5 फीसदी आरक्षण गुर्जर समेत पांच जातियों को दे दिया जाए। इसके साथ ही गुर्जरों ने दूसरे प्रस्ताव के रूप में सरकार से मांग की कि उन्हें चार फीसदी आरक्षण ओबीसी कोटे में से दिया जाएगा जबकि एक फीसदी आरक्षण विशेष पिछडा मानते हुए संविधान के अधिकतम 50 फीसदी आरक्षण के प्रावधानों का लाभ देकर दिया जाए। दूसरे प्रस्ताव को अगर सरकार मानती है तो राज्य में मौजूदा आरक्षण 49 फीसदी से बढकर 50 फीसदी करना होगा।
गुर्जर नेताओं के इन दोनों प्रस्तावों पर सरकार ने विचार विमर्श कर विधिक राय लेने के लिए गुर्जर नेताओं से एक महीने का समय मांगा। मंत्रियों ने नेताओं से कहा कि अभी गुजराव चुनाव में पार्टी नेतृत्व और आलाकमान व्यस्त हैं। ऐसे में उन्हें राय मशविरा करने के लिए समय दिया जाए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें