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”हिमालय के यायावर” – पढ़िए वतन के कितने वफादार है ये गुर्जर !

लीजिये,पहाड़ के इन गुज्जरो से मिलिए । पहाड की खडी चढाई को हांफ – हांफ कर नही , बल्कि बडी उत्सुकता, बडे उत्साह से पार कर रहे है । जी ये तो चुस्त पाजामा – सा पहने है ओर नीचा कुर्ता मुसलमानी ढंग का । ” क्या नाम हे तुम्हारा ? ” मै पूछता हूं । ” अल्लारखा” । मुसलमान हो ? ” जी हां ” । ” ओर जाति” ? ” गुज्जर ” । ओर मे उनके साथ चल पडता हूं । जम्मू कश्मीर में एक गुर्जर (Gurjar) परिवार –  गुज्जर (Gurjar) परिवार पूरा का पूरा साथ चल रहा है । वे गांव मे पीछे शायद ही किसी को छोडते है । बच्चे, बूढे, स्त्री – पुरूष सभी कारवां मे होते हे । इनके पास भेड बकरीया नही होती । गाये रखते हे तो मोटी – मुटल्ली भेसै भी बडै- बडै सींगों वाली । अगर कोई सामने पड जाये तो सीधे घाटी की सैर करा कर ही छोडे । पुरूष के कंधे पर पडा है कम्बल । पैरो मै दैशी जूता । मोटे गाढे का कम्बल । लम्बा कुर्ता, सिर पर पगडी ओर फिर लुंगी जैसी धोती । यह रूप है यहा के गुज्जर का । हिमालय के “यायावर ”  स्त्रीया भी लम्बा कुर्ता ओर सलवार जैसा वस्त्र पहनती है । उनकी कमर पर बच्चा बंधा होगा

गुर्जरों समेत पांच जातियों को ओबीसी के साथ एमबीसी में अलग से एक फीसदी आरक्षण को मंजूरी

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जयपुर। गुर्जर सहित पांच जातियों को ओबीसी के साथ अब मोस्ट बैकवर्ड क्लास एमबीसी में अलग से एक फीसदी आरक्षण मिलेगा। गुर्जर सहित पांच जातियों को एमबीसी में अलग से एक फीसदी आरक्षण देने को कैबिनेट ने सर्कूलेशन के जरिए मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब कभी भी नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। गुर्जर सहित पांच जातियों को ओबीसी के साथ अलग से एक फीसदी आरक्षण देने से अब प्रदेश में कुल अरक्षण 50 फीसदी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। गुर्जर सहित पांच जातियों के आरक्षण विवाद के चलते करीब 75 हजार भर्तियों की प्रक्रियसा अटकी हुई थी। अब एक फीसदी आरक्षण देने के बाद अटकी हुई भर्तियों की प्रक्रिया आगे बढ़ने के आसार हैं, इससे लाखों बेरोजगारों को राहत मिलेगी। एक फीसदी आरक्षण पर  गुर्जर नेताओं का रुख सामने आना बाकी है, 29 नवंबर को मंत्रियों के साथ गुर्जर नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में गुजरात चुनावों के बाद गुर्जर सहित पांच जातियों को अलग से आरक्षण देने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने का वादा किया था।

गुर्जर प्रतिहार वंश के महान हिंदू धर्म रक्षक सम्राट मिहिर भोज की कहानी

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मिहिर का अर्थ सूर्य होता है और सच्चे अर्थों में सम्राट मिहिर भोज भारत में अपने समय के सूर्य थें।उत्तर भारत में प्रसिद्ध एक लोकोक्ति उनकी विरासत को चरितार्थ करती है,लोकोक्ति है “कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली”।एक महान योद्धा,कुशल घुड़सवार होने के साथ उन्हें विद्वानों ने उनकी विद्वता के लिए “कविराज” की उपाधि भी दी थी।गुर्जर-प्रतिहार के मुलपुरुष प्रभु श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण को माना जाता है।इस हिसाब से आज के उत्तर भारत में पाये जाने वाली गुर्जर जाति का सम्बन्ध क्षत्रिय कूल से है,उनके वंश की लगभग 500 वर्ष की शाषण काल भी इस बात की घोतक है।नागभट्ट प्रथम से लेकर गुर्जर-प्रतिहार के अंतिम शाषक तक अरब आक्रमणकारियों से लड़ते रहें लेकिन उनमे लगातार 50 वर्षों तक युद्ध में अरबों के छक्के छुड़ाने वाले मिहिर भोज की कहानी बेमिशाल और अद्वितीय है। ईस्वी सन् (712-1192) के बिच लगभग 500 वर्षों तक गुर्जर-प्रतिहार वंश ने अनेक युद्ध में बाहरी आक्रमणकारियों को हराया।उनके कमजोर होने के बाद ही महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी ने भारत के तरफ मुहीम की शुरुआत की।आज भारत की सनातन संस्कृति के वे सबसे बड़े ध्वज वाहक हैं।कुछ

गुर्जर प्रतीक चिन्ह सम्राट कनिष्क का शाही निशान

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गुर्जर प्रतीक चिन्ह -सम्राट कनिष्क का शाही निशान Gurjar / Gujjar  Logo- The Royal Insignia of Kanishka गुर्जर प्रतीक चिन्ह -सम्राट कनिष्क का शाही निशान सम्राट कनिष्क के सिक्के पर उत्कीर्ण पाया जाने वाला ‘राजसी चिन्ह’ को ‘कनिष्क का तमगा’ भी कहते हैं| कनिष्क के तमगे में ऊपर की तरफ चार नुकीले काटे के आकार की रेखाए हैं तथा नीचे एक खुला हुआ गोला हैं| कनिष्क का राजसी निशान “शिव के त्रिशूल” और उनकी की सवारी “नंदी बैल के पैर के निशान” का समन्वित रूप हैं| गुर्जर प्रतीक चिन्ह gurjar logo सबसे पहले इस राज चिन्ह को कनिष्क के पिता सम्राट विम कड्फिस ने अपने सिक्को पर उत्कीर्ण कराया था| विम कड्फिस शिव का परम भक्त था तथा उसने माहेश्वर की उपाधि धारण की थी| यह राजसी चिन्ह कुषाण राजवंश और राजा दोनों का प्रतीक था तथा राजकार्य में मोहर के रूप में प्रयोग किया जाता था| Gurjar gujjar kanishka samrat gurjar history मशहूर पुरात्वेत्ता एलेग्जेंडर कनिंघम इतिहास प्रसिद्ध कुषाणों की पहचान आधुनिक गुर्जरों से की हैं| उनके अनुसार गुर्जरों का कसाना गोत्र कुषाणों का वर्तमान प्रतिनिधि हैं|

खुलासा लालसोट हत्याकांड भाग 2:-

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#खुलासा लालशोट हत्याकांड भाग 2:- भाग 1 मीडिया रिपोर्ट पर आधारित था उसमें वही बाते थी जो मीडिया ने छापी असली हत्याकांड की तस्वीर उन रिपोर्ट में गायब थी इस भाग में असलियत सामने लाइ जायगी की क्यों है ये हत्याकांड हाई प्रोफाइल और निर्मम:- जैसा पिछले भाग में बताया गया कि सुरक्षाबलों ने गुर्जरो के सीने छलनी कर दिए थे कई माओ के बेटे मार दिए थे कई बीवियां विधवा हो गई थी सारे देश की निगाहें टिकी थी गुर्जर आंदोलन पर लेकिन वहां कुछ ऐसा भी हुआ था जो खुद 90% से ज्यादा गुर्जरो को मालूम ही नही या मालूम भी है तो टूटी फूटी बाते। 1 जून 2007 की बात है लालशोट तहसील, दौसा जिला जो मीणा बाहुल्य है वहां लालशोट के आस पास छोटी छोटी गुर्जरो की ढाणीयाँ है वे लालशोट कस्बे में दूध बेचने, खरीद दारी करने आया करते थे जैसे की हमने बताया सुरक्षाबलों ने कई गुर्जरो की हत्या की जिसके विरोध में उन ढाणीयो के कुछ 100 की संख्या में युवक इकट्ठे हुए थे और प्रदर्शन किया जा रहा था उन्हें कोई अंदेशा नही था कि उनकी मौत आने वाली है उसी समय जब वे प्रदर्शन कर रहे थे कोई 10000 की संख्या में मीणा जाती के लोग तलवार, गंडास

सब्र का इम्तिहान ना ले सरकार-कर्नल बैंसला

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आवरण सब्र का इम्तिहान ना ले सरकार- कर्नल बैंसला गुर्जरों में गुस्से का फ्यूज वॉयर जल रहा है और आक्रोश का बम्ब किसी भी क्षण फूट सकता है। फौज से रिटायर होने के बाद पुराने मॉडल की मिलेट्री डिस्पोजल जीप के आगे-पीछे 'हम होंगे कामयाब' का छोटा सा स्लोगन लिखकर अपने सोए हुए उपेक्षित समाज को जगाने निकले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने तेरह साल पहले मुहिम छेड़ते वक्त सोचा भी नहीं होगा कि वे इतनी जल्दी कामयाबी के शिखर को छूकर न सिर्फ नेशनल फिगर बन जाएंगे बल्कि वर्षों से उपेक्षा की गहरी नींद में डूबा उनका समाज भी उठकर खड़ा हो जाएगा। तेरह साल की तपस्या के बाद आज कर्नल बैंसला किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश भर के गुर्जरों को अपने झण्डे तले लाने वाले बैंसला ने आज गुर्जरों को उस मुकाम पर ला खड़ा किया है, जहां उनकी एक आवाज पर लाखों गुर्जर अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार बैठे हैं। शिक्षा से सदैव जी चुराने वाले गुर्जर समाज में कर्नल बैंसला ने जागृति का ऐसा गुरू मंत्र फूंका है कि आज न सिर्फ युवकों और युवतियों में बल्कि बच्चों में पढ़ाई का जुनून पैदा हो चुका है। अविवाहित किशोरियों के साथ-साथ वि

लालसोट हत्याकांड भाग 1:-

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लालशोट हत्याकांड भाग 1:- अगला भाग आपको झकझोर देगा...... रोंगटे खड़े हो जायँगे पढ़कर एक बार जरूर पढ़ें और शेयर जरूर करदें इस मामले का अभी तक् ज्यादातर लोगो को मालूम ही नहीं बहुत कम लोग ही इस हत्याकांड से परिचित है। बात 1 जून 2007 की है गुर्जर आंदोलनरत थे अभी कुछ दिन पहले ही आंदोलन करते निहत्ते गुर्जरो पर बीजेपी सरकार द्वारा गोली चलवा दी गई। कायदे से हिंसक आंदोलन को काबू करने के लिए आंसू गैस, लाठी चार्ज किया जा सकता है परंतु यदि फिर भी हिंसक आंदोलन काबू में ना आये तो आप घुटनो से नीचे गोली मार सकते है पर 2007 में गुर्जर जो आरक्षण आंदोलन कर रहे थे उन निहत्थे गुर्जरो पर जालिम बीजेपी सरकार ने सीने पर गोलिया बरसा दी पर इस बहादुर कौम ने वहां से भागने की जगह वही डटे रहना सही समझा सीने पर गोलियां मारी जा रही थी और गुर्जर सीना ताने खड़े थे सेंकडो गुर्जरो को गोलियों से छलनी कर दिया था गोलिया ऐसे मारी गई मानो अंग्रेज आज़ादी के लिए आंदोलन कर रहे भारतीयों पर गोलियां दागकर बल प्रयोग कर रहे हो। कश्मीर से भारत की फ़ौज राजस्थान के गाँवो में लगा दी गई थी सेंकडो सीने छलनी होने के बावजूद भी वीर गुर्जर आंदो

राजस्थान की वीर बहादुर छवि

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छवि राजावत, राजस्थान की 'वीरांगना' 📰.........✒   HEMRAJ GURJAR JAITGARH ASIND जब नाम ही छवि है तो अपनी 'छवि' का कमाल तो उसे दिखाना ही था। बात सिर्फ नाम की नहीं है उसे बखूबी चरितार्थ करने की है। छवि राजावत, यह नाम है राजस्थान की उस 'वीरांगना' का जिसने देश के पढ़े-लिखे युवाओं के सामने एक अनूठा और आज के दौर में आवश्यक उदाहरण रखा है। राजस्थान के जयपुर से 60 किमी दूर ग्राम सोडा में जन्मीं छवि ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह विश्व पटल पर आम भारतीय नारी की प्रखर छवि स्थापित करने में कामयाब हो जाएगी। आखिर ऐसा क्या किया छवि ने? बदल दी भारत की 'छवि' संयुक्त राष्ट्रके 11वें इन्फो पॉवर्टी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में छवि ने अपनी कुशल प्रतिभागिता दर्ज की। आखिर इसमें कोई नया कमाल नहीं था। लेकिन कमाल यह था कि 24 और 25 मार्च 2011 को हुई संयुक्त राष्ट्र की ओर से हुई इस बहस में छवि ने ग्राम सरपंच के रूप में प्रतिनिधित्व किया। छवि का जब अध्यक्ष ने सरपंच के रूप में परिचय करवाया तो कॉन्फ्रेंस में बैठे दिग्गजों के चेहरों के रंग बदल गए। आमतौर

पाटीदार आंदोलन की तर्ज पर दौसा गुर्जर युवाओं ने भरी हुंकार

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पाटीदार आंदोलन की तर्ज पर दौसा में गुर्जर युवाओं ने भरी हुंकार HEMRAJ GURJAR JAITGARH ASIND 9828040794 Publish: Dec, 08 2017 08:57:51 (IST) DAUSA, RAJASTHAN, INDIA आरक्षण के लिए सभा कर निकाली आक्रोश रैली, सरकार को दी एक माह की चेतावनी दौसा. गुजरात के पाटीदार आंदोलन की तर्ज पर राजस्थान के गुर्जर आंदोलन के कमान अब युवाओं ने हाथ में लेने की ठान ली है। पहली बार युवा एकजुट हुए तथा महाआक्रोश रैली निकाली। जिला मुख्यालय स्थित गुर्जर छात्रावास में शुक्रवार को गुर्जर समाज के युवाओं ने आक्रोश रैली निकालकर सरकार को चेतावनी दी है कि एक माह में आरक्षण मामले का हल नहीं निकाला तो सभी जिलों में समाज आक्रोश रैली आयोजित कर विधानसभा का घेराव करेगा। इधर गुर्जर समाज की इस आक्रोश रैली से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन दिनभर पूरी तरह चौकस रहा। सुबह से ही जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने छात्रावास के बाहर डेरा डालना शुरू कर दिया। जो कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद तक हटे। जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे से गुर्जर छात्रावास में आक्रोश रैली से पूर्व सभा हुई। इ

गुर्जर जाति के गौरव 24 बगड़ावत भाई

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गुर्जर जाति के गौरव   🚩 बगड़ावत 🚩 चौइस बगड़ावत भाइयों के नाम:- 1. तेजा जी बगड़ावत 2. सेजा जी बगड़ावत 3. सवाई भोज बगड़ावत 4. नेवाजी जी बगड़ावत 5. धनाजी जी 6. माहरावत जी 7. बाहरावत जी 8. झड़सी जी 9. बड़सी जी 10. सांगा जी 11. मांगा जी 12. झांसा जी 13. कासों जी 14. गूदड़ जी 15. खोतड़ जी 16. कोला जी 17. कुबाना जी 18. करणा जी 19. जिवन जी 20. कानू जी बगड़ावत 21. लालो जी बगड़ावत 22. जोधा जी बगड़ावत 23. झाला जी बगड़ावत 24. बाला जी बगड़ावत बगड़ावत भारत ✍ लेखक हेमराज गुर्जर जैतगढ़ आसीन्द 📱 9828040794

गुर्जर होतो पढ़ना जरूर.....

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गुर्जर हो तो पढना जरुर।।।।   गुर्जर हेमराज जैतगढ़ आसीन्द दोस्तों मैं fb पर बहुत से स्टेटस अपडेट करता हूँ लेकिन आज जो ये स्टेटस लिख रहा हूँ उसको गोर से पढना विशेषकर गुर्जर भाइयों से मेरी विनती है की वे 2 मिनट जरूर दे और मेरी इस बात का मनन करके दिल से इस पर कमेंट करना क्योकि मैं आज मेरे दोस्तों की विशेष तोर से गुर्जर भाइयों कि सोच जानना चाहता हूँ कि वे सचाई को कितना जानते है  । आप सबके कमेंट पढ़कर मुझे ऐसे लगेगा की गुर्जर समाज में सुधार की कोई गूंजाईस नहीं है तो आज के बाद से मेरी कोई पोस्ट नही आयेगी । मेरी बात अब शुरू होती है अब जरा गोर से पढियेगा गुर्जर भाईयों .......... मेरे बहुत से दोस्त पूछते है कि यार तू सारे दिनभर गुर्जर -गुर्जर करता रहता है कभी हिन्दू की बात कर लिया करो ,,तो मेरा उन सबको एक ही जबाब होता है सबसे पहले मैं गुर्जर हूँ उसके बाद मेरा कोई मजहब है क्योकि जब गुर्जर मर रहे थे तब कोई भी हिंदूवादी संघटन हमारी मदद करने नहीं आया था जबकि जम्मू और पाकिस्तान तक के गुर्जरों ने हमारे दर्द को अपना दर्द समझा और वंहा पर भी आन्दोलन किये थे ,,, अगर मुझे कोई मुस्लिम गुर्जर या सि

पटेल पाटीदारों की गुर्जर उत्पति का सिद्धांत..

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पटेल-पाटीदारो की गूजर उत्पत्ति का सिद्धांत हेमराज गुर्जर जैतगढ़ आसीन्द ( Key words- Gurjara, Gujjar,  Leva, kadwa, Patidar, kanbi,  Caste-cluster,) कन्बी जाति जो पाटीदार के नाम से भी जानी जाती हैं, गुजरात की प्रमुख किसान जाति हैं| कन्बी वास्तव में एक जाति नहीं बल्कि किसान जातियों का एक वर्ग अथवा पुंज हैं|1 इनकी संयुक्त आबादी गुजरात के हिन्दुओ के 14.26 प्रतिशत2 हैं| कन्बी नामक इस ‘जाति पुंज” में प्रमुख रूप से चार जाति हैं- लेवा, खंडवा, अंजना आदि|3 परंपरागत रूप से ये चारो आपस में विवाह आदि- रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं करते, जोकि किसी जाति की अनिवार्य विशेषता हैं| इसलिए कन्बी शब्द गुजरात में किसी एक जाति के लिए नहीं बल्कि “किसान जातियों के वर्ग ” के लिए प्रयोग किया जाता हैं जोकि गुजरात के जातीय सोपान क्रम में उनके स्थान को निर्धारित करता हैं|4 एक जाति पुंज के अंतर्गत आनेवाली जातियों भिन्न-भिन्न उत्पत्ति की होती हैं तथा इनमे अधिकांश के किसी क्षेत्र में आबाद होने के काल भी भिन्न-भिन्न होते हैं| भारत में होनेवाली जनगणनाओ से पता चलता हैं कि कन्बी/कुनबी शब्द का प्रयोग क्रमश घटता गया हैं|5

भगवान देवनारायण जी का परिचय

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भगवान देवनारायण जी का जीवन परिचय गुर्जर हेमराज जैतगढ़ आसीन्द वर्तमान राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोक अंचलों में ऐतिहासिक रूप से वर्तमान भारतवर्ष के मध्ययुगीन गुर्जर देश की भूमि पर शाक भरी के चौहान कुल में उत्पन्न बाघरावत के 24 पुत्रों एवं राण भिणाय के राणा की सेनाओं के मध्य ऐतिहासिक बगड़ावत भारत युद्ध हुआ, कहा जाता है। लोक जीवन में श्री देवनारायण पढै् कथा भागवत रूप प्रस्थापित व श्री देवनारायण मन्दिरों में पाट्ज्योतिरूप पूजित एवं उपास्य है। श्री देवनारायण फड़ में चित्रात्मक रूप से तत्कालीन गुर्जरदेशीय स यता एवं संस्कृति तथा स पूर्ण बगड़ावत भारत एवं ब्रह्माण्डीय सृष्टि प्रलय लीलान्तर्गत गुर्जर वंश उद्धारक लोक आराध्य श्री देवनारायण अवतार लीला प्रतीकिकृत है। श्री देवनारायण पढै् के स बन्ध में तत्कालीन समय से ही बगड़ावत भारत लोकवार्ता प्रचलित है। प्रचलित लोकवार्ता के स बन्ध में बगड़ावत भारतवार्ता के नाम से साहित्य रूप कुछ पुस्तकें राजस्थान में उपलब्ध हैं। जिनमें प्रमुख रानी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत द्वारा स पादित बगड़ावत श्री देवनारायण महागाथा का प्रकाशन राजपाल एण्ड सन्स नई