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समाज में फैली कुरीतियों रूढ़िवादी कुप्रथाओं पर लगे रोक

समाज के निडर और साहसी अधिकारी रामसुख जी गुर्जर sdm कुचामन ने अजमेर जिले में नसीराबाद के पास होने वाली बावनी यानी मृत्युभोज जिसमें 52 गांवों को भोज दिया जाता है का विरोध करने की शुरुआत की और अजमेर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को अपनी ओर से एक लेटर लिख कर के इस कार्यक्रम पर रोक लगाने  की मांग की। लेकिन फिर भी प्रशासन की नाकामी की वजह से एवं गुर्जर समाज द्वारा अपनी मूंछ की लड़ाई का विषय बना लेने की वजह से यह कार्यक्रम हुआ इसमें लगभग 5 करोड रुपए समाज के खर्च हुए हैं जो कि हमारे लिए बहुत ही शर्मनाक है हमारे राजस्थान का एक हिस्सा अजमेर जिला जिसमें इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं हम हमारे मेहनत और खून पसीने की कमाई को तो इस प्रकार के रूढ़िवादी कुप्रथाओं में लगा देते हैं फिर दो पैसे बचाकर अपने बच्चों को कैसें पढाएंगे । यह हमारी मजबूरी है या मुर्खता इस विषय पर शोध करने की जरूरत है। कुछ भाइयों का मानना है कि इस बावनी वाले मृत्युभोज में बच्चों की शादियां भी होती है और अभी हाल ही में संपन्न बावनी में लगभग सो जोड़ों की शादी अभी हुई ऐसा लोग मानते हैं इन लोगों का मानना है कम पैसे पर बावनी के

गुर्जर आरक्षण का मामला ओबीसी कोटे मेसे ही 5 प्रतिशत पर अड़े गुर्जर

आखिर गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण कैसे देगी राजस्थान सरकार? बैठक में नहीं निकला कोई हल। ====== राजस्थान में गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 21 नवम्बर को एक बार फिर एक बैठक हुई। जयपुर में आयोजित इस बैठक में सरकार की ओर से मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, हेम सिंह भडाना, अरुण चतुर्वेदी ने भाग लिया, जबकि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समिति के सदस्य भी उपस्थित रहे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोनों पक्षों की यह पहली बैठक थी। लेकिन इस बैठक में भी कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। गुर्जर नेताओं ने साफ-साफ कहा कि यदि सरकार गुर्जरों को अन्य पिछड़ा वर्ग में पांच प्रतिशत आरक्षण देनी ही चाहती है तो उसे निर्धारित 21 प्रतिशत के कोटे में से दिया जाए। क्योंकि सरकार ने जब-जब भी 21 प्रतिशत कोटे के बाद पांच प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पास किया है, तब तब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। संविधान के मुताबिक पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए अब राज्य  सरकार को ओबीसी के 21 प्रतिशत कोटे में से ही पांच प्रतिशत गुर्जरों के लिए आरक

गुर्जर आरक्षण का मामला

गुर्जर आरक्षण का मामला: ओबीसी कोटे में से ही 5 फीसदी आरक्षण पर अड़े गुर्जर HEMRAJ GURJAR JAITGARH 9828040794 Publish: Nov, 29 2017 07:05:29 (IST) JAIPUR, RAJASTHAN, INDIA आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई। जयपुर। आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच बुधवार को हुई वार्ता विफल हो गई। सरकार से हुई बातचीत में इस बार गुर्जर आरक्षण मिलने में कोई कानूनी चूक न हो, इसे लेकर पूरी तरह सर्तक हैं। गुर्जर नेता सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि उन्हें भारतीय संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी निर्णयों के मुताबिक ही पांच फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए ताकि आरक्षण किसी तरह की कानूनी पेचीदगियों में न उलझे। गुर्जरों की इसी प्रमुख मांग पर आज इंदिरा गांधी पंचायतीराज भवन में सरकार और गुर्जर नेताओं की वार्ता हुई। इस वार्ता में गुर्जर नेता कर्नल किरोडी सिंह बैंसला, केप्टन हरप्रसाद, हिम्मत सिंह, एडवोकेट अतर सिंह भडाना समेत कई गुर्जर नेता समेत कई नेता मौजूद रहे। जबकि सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी

हेमराज गुर्जर जैतगढ़ बने युवा गुर्जर महासभा प्रदेश मिडिया प्रभारी।

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*हेमराज गुर्जर जैतगढ़ बने युवा गुर्जर महासभा के प्रदेश मिडिया प्रभारी* जैतगढ़(हेमराज गुर्जर)  अखिल भारतीय युवा गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष गोपेन्द्र सिंह पावटा ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र खटाना की अभिशंषा पर आसींद  (भीलवाड़ा) निवासी हेमराज गुर्जर जैतगढ़ को युवा गुर्जर महासभा का प्रदेश मीडिया प्रभारी पद पर नियुक्त किया। इससे पूर्व वे समाज के कई संगठनों में कार्य कर चुके है। हेमराज गुर्जर समाज से जुड़ी कार्यशैली और समाज के विकास के लिए मीडिया में युवा गुर्जर महासभा को अच्छी पहचान दिलाएंगे। हेमराज गुर्जर को प्रदेश मीडिया प्रभारी बनाये जाने पर भैरूलाल जैतगढ़, हेमराज पोसवाल, नंदलाल पथिकटुडे संपादक, हृदयाल जी जोधाखेड़ा माधव गुलखेड़ा सहित अनेक लोगो ने हर्ष व्यक्त किया और जैतगढ़ ने प्रदेशाध्यक्ष सहित राष्ट्रीय पदाधिकारियो का आभार जताया।