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भगवान देवनारायण जी का मुख्य तीर्थ धाम, देव जन्म भूमि मालासेरी डुंगरी की विस्तृत जानकारी

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*भगवान देवनारायण जी का मुख्य तीर्थ धाम, देव जन्म भूमि मालासेरी डुंगरी की विस्तृत जानकारी* 1. मालासेरी डूंगरी राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसींद तहसील में स्थित है यह भीलवाड़ा जिले से 60 किलोमीटर और आसींद तहसील से 5 किलोमीटर पूर्व दिशा में आसींद शाहपुरा रोड पर स्थित है। 2. मालासेरी डुंगरी प्राकृतिक की गोद में हरियाली की छठा बिखरती हुयी बहुत ही सुंदर रमणीय स्थान है इस डुंगरी की ऊंचाई लगभग 350 फुट की ऊंचाई हें।। 3. मालासेरी डूंगरी पर माता साडू की अखंड तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु  देवनारायण के रूप में शंक सवंत 968 माघ महीने की छठ-सातम की शामी रात शनिवार को चट्टान फाड़कर कमल फूल की नाभि से अवतार लिया। उसी क्षण मालासेरी डूंगरी कुछ पलों के लिए पूरी सोने की हुई राजा इंद्र ने नन्हीं बूंदों से बरसात की और 33 करोड़ देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा की। स्वर्ग से पांच कामधेनु गाय उत्तरी। . देव जी  के अवतार से 6 माह पूर्व भादवी छठ पर इसी डूंगरी पर एक अन्य सुरंग से देव जी के घोड़े लीलाधर का अवतार हुआ और इसी के पास एक और सुरंग से नाग वासक राजा का अवतार हुआ। जिस जगह कमल का फूल निकला उस जगह

प्रताप राव गुर्जर के बलिदान स्थल नेसरी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र में उनकी याद में स्मारक

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नेसरी  कोल्हापुर, महाराष्ट्र (हेमराज गुर्जर जैतगढ़) हिंदवी स्वराज की स्थापना करने वाले शिवाजी महाराज की मराठा सेना में थल सेना के सेनापति प्रताप राव गुर्जर और नौसेना के सेनापति सिद्धो जी गुर्जर थे । थल सेना के सेनापति प्रताप राव गुर्जर का वास्तविक नाम कडतोजी गूर्जर था और प्रताप राव की उपाधि से शिवाजी ने उन्हें विभूषित किया था। प्रताप राव गुर्जर वास्तव में एक योग्य सामरिक योजनाकार और निपुण सेनानायक थे ।वह मुगलों और बीजापुरी सुल्तानों के विरूद्ध अनेक महत्वपूर्ण और निर्णायक युद्ध की जीत का नायक रहे । सिंहगढ़, सल्हेरी और उमरानी के युद्ध में जीत उनकी बहादुरी और रणकौशल के ही कारण मिली थी । प्रताप राव गुर्जर के हैरत अंगेज जंगी कारनामों की मुगल और दक्कन के दरबारों में भी चर्चा थी। प्रताप राव की उपाधि उन्हें शिवाजी ने सरनौबत (प्रधान सेनापति) का पद प्रदान करते समय दी थी। प्रताप का अर्थ होता है- वीर ।प्रतापराव गुर्जर के सेनापतित्व में अनेक लड़ाई लड़ी गई मगर विजय ने सदैव ही शिवाजी का स्वागत किया । प्रतापराव गुर्जर का दुखद अन्त 24 फरवरी 1674 को बीजापुर की सेना से लड़ता हुए नेसरी के युद्ध में हु

दिल्ली पुलिस भर्ती में बजा इस गुर्जर गाँव जावली का डंका,एक साथ 31 युवा हुए सेलेक्ट

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दिल्ली पुलिस भर्ती 2017 का रिजल्ट आउट हो गया है और गुर्जर समाज के एक जागरूक गाँव के युवाओं ने इस बार फिर रिकॉर्ड बनाया है !  किसी एक गाँव से इतनी बड़ी संख्या में युवक – युवतियों का सिलेक्शन वाकई गर्व का विषय है | हम बात कर रहे है गुर्जर ग्राम जावली की जोकि जिला गाज़ियाबाद का एक चर्चित गाँव है ! इस गाँव के युवाओं ने मेहनत , लगन और मजबूत इच्छा शक्ति के बूते वो कर दिखाया जिस पर बिरादरी गर्व कर सकती है | इस बार हुई दिल्ली पुलिस परीक्षा में गाँव के 31 युवाओं ने सफलता प्राप्त की है | जिनमे 18 युवक और 13 युवतियां शामिल है जावली गाँव के कुछ जागरूक लोगो ने मिलकर  शहीद भरत सिंह कसाना के नाम पर लाइब्रेरी बनाई हुई है जिसमे युवा आकर तैयारी करते है ! जिसका फायदा उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ में मिलता है जावली गाँव के ही बिट्टू कसाना जोकि स्वयं दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है और युवाओं को समय समय पर कोचिंग और गाइडेंस देते है , बात करने पर उन्होंने बताया कि गाँव में इस तरह का माहोल काफी पहले से है और युवा काफी जागरूक भी है , समय समय पर पहले से कार्यरत विभिन्न विभागों

बगडावत भारत कथा और श्री देवनारायण -1

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बगडावत भारत कथा-1 बगडावत भारत महागाथा अजमेर के राजा बिसलदेवजी के भाई माण्डलजी से शुरु होती है जो कि देवनारायण जी के पूर्वज थे। माण्डलजी के बड़े भाई राजा बिसलदेवजी उन्हें घोड़े खरीदने के लिये मेवाड़ भेजते हैं। मेवाड़ पहुँच कर माण्डलजी कुछ घोड़े खरीदते हैं, मगर बहुत सारा पैसा वो तालाब बनवाने में खर्च कर देते हैं और अपने भाई से और पैसे मंगवाते हैं जो वो भेजते रहते हैं। बिसलदेवजी यह पता करने आते हैं कि माण्डलजी इतने सारे पैसो का क्या कर रहे हैं। इस बात का पता जब माण्डलजी को लगता है कि उनके बड़े भाई बिसलदेवजी आ रहे हैं, तब वह जो तालाब बनाया था उसमें घोड़े सहित उतर जाते हैं और जल समाधी ले लेते हैं। बिसलदेवजी को यह जानकर बहुत दुख होता है और वह माण्डलजी की याद में तालाब के बीच में एक विशाल छतरी और एक विशाल मंदारे का निर्माण (कीर्ति स्तम्भ नुमा) करवाते हैं और उस गांव का नाम माण्डलजी के नाम से माण्डल पड़ जाता है जो कि मेवाड़ के नजदीक आज भी स्थित है। राजा बिसलदेव के राज्य में एक बार एक शेर ने आतंक फैला रखा था। गांवों के छोटे-छोटे बच्चो को वह रात को चुपचाप उठा कर ले जाता था। थकहार कर लोगों ने तय कि

मालासेरी अमृत महाकुम्भ का मध्य प्रदेश के इंदौर रतलाम उज्जैन आगर में समाज के पंच-पटेलों को दिया न्योता

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इंदौर मध्य प्रदेश! (हेमराज जैतगढ़) भगवान देवनारायण की जन्मस्थली, धर्मधरा, माँ साडू की अखण्ड तपोभूमि, समाज के सबसे बड़े तीर्थ मालासेरी डुंगरी पर 18 मार्च से शुरू हो रहे विशाल सवा ग्यारह सो करोड़ नाम-नाम जप की पूर्णाहुति पर 108 कुण्डात्मक श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवम् श्रीमद् भागवत कथा, मालासेरी का महा अमृत कुम्भ का निमन्त्रण  देने मालासेरी मंदिर पुजारी हेमराज पोसवाल के साथ समाजसेवी किशनजी कोली, प्रभु चाड़, महादेव चाड़, रामकुमार चाड़ सहित पधारे । हेमराज गुर्जर जैतगढ़ ने बताया की इस मोके पर   *मध्यप्रदेश के जिला उज्जैन के चिचौड़ीया* हरिसिंह सरपंच, उमराव सिंह, राहुल! *गांव मुंगावदी तहसील बडनगर उज्जैन में* नारायण कुराच, मनोहर पोसवाल! *आगर जिला नलखेडा तहसील के काकरिया* मैं सौदान,मेहरबान,बाबूलाल शिवराम बोड़दिया। *सोडंग डांग उज्जैन* में देवीलाल गुर्जर देवनारायण मंदिर पुजारी यह वही जगह है जहां भगवान देवनारायण ने राणी पीपल दे के साथ विवाह रचाया था।  *चिकली उज्जैन* रामचंद्र जी मंडी अध्यक्ष *बुरहानपुर चंबल* प्रभु गुर्जर *इंदौर के गौतमपुरा* में लालाराम देवनारायण भुणा जी मंदिर पुजारी *छड़ोदा*

BREAKING : ओवरटेक के प्रयास में आगे चलते डम्पर के पीछे से टकराई बस, 4 की मौत, 8 घायल

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By HEMRAJ GURJAR JAITGARH          9828040794 Feb, 16 2018 08:06:34 (IST)   राजसमंद में हाइवे आठ पर पीपरड़ा के पास हुआ हादसा राजसमंद. राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर उदयपुर से जयपुर की तरफ जा रही वीडियो कॉच बस आगे चल रहे डम्पर को ओवरटेक करने के प्रयास में पीछे से टकरा गई। हादसे में डम्पर सड़क किनारे पलट गया, जबकि बस में सवार 4 लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई और 9 यात्री घायल हो गए। Rajsamand,Rajsamand news,rajsamand news in hindi,Rajsamand police,rajsamand latest hindi  news,Latest News rajsamand,Crime News rajsamand, पुलिस के अनुसार हाइवे पर पीपरड़ा के पास डम्पर को ओवरटेक करने के प्रयास में बस आगे चलते डम्पर से टकरा गई। हादसे में रोडवेज बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से पिचक गया, जिससे बस के आगे बैठे यात्री दब गए। दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जिसमें दो पुरुष, एक महिला व एक बच्ची शामिल है। हादसे के बाद राजनगर थाना प्रभारी दिनेश सुखवाल, एएसआई गोवर्धनसिंह मय जाब्ते के घटना स्थल पर पहुंच गए। घायलों को बस से बाहर निकलवा कर एम्बुलेंस व अन्य निजी वाहनों से आरके जिला अस्पताल

गुर्जर जाती की उतपत्ति

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गुर्जर जाति की उत्पत्ति गुर्जर जाति की उत्पत्ति इस तरह बताते हैं किः सतयुग सम्वत् 51 माघ सुदी द्वादशी, फुख नक्षत्र जाण। जिस दिन प्रकट हुआ यह गुर्जर वंश प्रमाण।। सतयुग का 51 साल में कार्तिक बुदी पडवा और कृतिका नक्षत्र में भगवान ने 14 रत्न निकाला था उसमें एक कामधेनु गाय निकली थी जिसके बाद 3 महीने 27 दिन में वही कामधेनु गाय गऊ घोटा द्वारा गुर्जर की उत्पत्ति हुई थी यह गुर्जर सतयुग सम्वत् 51 के साल में माघ सुदी द्वादशी के दिन प्रकट हुए थे। ओम अलख निरंजन निराकार, निष्कलंक, ज्योति स्वरूपजी परब्रह्म परमेश्वर और शंकर भगवान ने अपनी शक्ति द्वारा लौकिक ज्योति से कामधेनु गाय के गऊ घोटा द्वारा एक बालक उत्पन्न किया, जिसको कल्पवृक्ष की जड़ चुखाकर पालन किया, जिसका नाम गोपाल रखा। गोपाल शंकर भगवान की गायों को चराते थे। जब गोपाल जवान हुआ तब सती जी ने कहा कि हे स्वामी हम स्वयं तो दो ही स्त्री पुरुष आपस में बात करते हैं। पर यह गोपाल तो अकेला ही है। हे स्वामी इसके भी कोई पत्नी हो तो इसके कोई संतान चले। तब शंकर भगवान ने कहा कि यह गोपाल हमने पैदा कर दिया है तो इसके लिए औरत आप ही कर दो। आप भी तो शक्ति ह