गुर्जर होतो पढ़ना जरूर.....

गुर्जर हो तो पढना जरुर।।।।  


गुर्जर हेमराज जैतगढ़ आसीन्द

दोस्तों मैं fb पर बहुत से स्टेटस अपडेट करता हूँ लेकिन आज जो ये स्टेटस लिख रहा हूँ उसको गोर से पढना विशेषकर गुर्जर भाइयों से मेरी विनती है की वे 2 मिनट जरूर दे और मेरी इस बात का मनन करके दिल से इस पर कमेंट करना क्योकि मैं आज मेरे दोस्तों की विशेष तोर से गुर्जर भाइयों कि सोच जानना चाहता हूँ कि वे सचाई को कितना जानते है  ।
आप सबके कमेंट पढ़कर मुझे ऐसे लगेगा की गुर्जर समाज में सुधार की कोई गूंजाईस नहीं है तो आज के बाद से मेरी कोई पोस्ट नही आयेगी ।
मेरी बात अब शुरू होती है अब जरा गोर से पढियेगा गुर्जर भाईयों ..........
मेरे बहुत से दोस्त पूछते है कि यार तू सारे दिनभर गुर्जर -गुर्जर करता रहता है कभी हिन्दू की बात कर लिया करो ,,तो मेरा उन सबको एक ही जबाब होता है सबसे पहले मैं गुर्जर हूँ उसके बाद मेरा कोई मजहब है क्योकि जब गुर्जर मर रहे थे तब कोई भी हिंदूवादी संघटन हमारी मदद करने नहीं आया था जबकि जम्मू और पाकिस्तान तक के गुर्जरों ने हमारे दर्द को अपना दर्द समझा और वंहा पर भी आन्दोलन किये थे ,,, अगर मुझे कोई मुस्लिम गुर्जर या सिख गुर्जर मिल जाए तो मैं उनका भी उतना ही रेस्पेक्ट करूंगा जितना हिन्दू गुर्जर का क्योकिं गुर्जर सब एक थे और एक है चाहे किसी भी धर्म से हो ,,ये बात अलग है कि वे अब अलग -अलग धर्मो में बंट गए है ।
मैं आपको गुर्जर आन्दोलन का एक वाकया सुनाता हूँ ,,, राजस्थान में 2006 में वसुन्धरा सरकार में आरक्षण के लिए गुर्जर आन्दोलन का आगाज हुआ था और उसका कारण था कि २००३ के चुनाव से पहले वसुन्धरा राजे सिन्धिया जी ने कहा था कि मेरे को वोट दो मेरी सरकार बनते ही आरक्षण दूंगी और जब ३ साल तक गुर्जरों को कुछ भी नहीं दिया और अपने वादे से मुकरने लगी तो मजबूरन गुर्जरों को आन्दोलन करना पड़ा जिसमे क्या हुआ वो किसी से छुपा हुआ नहीं किस प्रकार से गुर्जरों पर अंधाधुंन गोलिया चलवाई गयी और एक के बाद एक 72 गुर्जरों को मार दिया गया था और  13 दिन तक लाशे सड़को पर पड़ी रही थी । हिन्दुस्थान की सभ्यता को बचाने वाली एक मार्शल कोम के 72 बेटे देश के सिस्टम में शामिल होने का अधिकार मांगते शहीद हो गये थे ।हजारों घर बर्बाद हो रहे थे सेकड़ो माँ व बहने अपने बेटे और भाई के गम में रो रही थी हजारों चूल्हे बंद थे लेकिन आज जो ये हिन्दुत्त्व की बड़ी -बड़ी बातें करने वाले और हिंदुत्व की आवाज उठाने वाले संगठन चाहे वो आरएसएस हो ,बजरंग दल हो ,शिव सेना हो या फिर कोई भी हिंदुत्व की बात करने वाला संगठन एक भी हमारे बिच में नहीं आया था । क्या जो गुर्जर मर रहे थे वो हिन्दू नहीं थे तब क्यों याद नहीं आई इन्हें हिन्दू धर्म की लेकिन गोर करने वाली बात है जब कोई भी हिन्दू संगठन हमारे पक्ष में नहीं बोल रहा था लेकिन जम्मू कश्मिर और पाकिस्थान के मुस्लिम गुर्जर ने हमारे दर्द को अपना दर्द समझा और जम्मू कश्मिर तथा पाकिस्तान  की सडको को जाम कर दिया था । जब तक गुर्जर आन्दोलन चला तब तक मुस्लिम गुर्जर और सिख गुर्जर हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े रहे लेकिन एक भी हिंदूवादी संघठन हमारे पक्ष में आकर नहीं बोला सबसे बड़ी बात तो ये थी कि हिन्दुत्व की सबसे बड़ी रक्षक  पार्टी  की cm ही गुर्जरों पर गोलिया चलवा रही थी और सब चुचाप देख रहे थे ।
"हाँ मुझे गर्व है कि मैं हिन्दू हूँ लेकिन इससे भी ज्यादा गर्व है कि मैं एक गुर्जर हूँ और ऐसे नकली हिंदूवादी संघठनों से नफरत करता हूँ "
"जरा याद करलो उनकी कुर्बानी"
"इसलिए मेरी सभी भाइयों से विनती है की वास्तिवकता को पहचानो और संघटित रहो "
अपने कमेन्ट अवश्य लिखे और शेयर भी करे जिससे हमारी आवाज आगे तक पहुच सके ...

🌹🌹🌹🌹🌹
जय सवाई भोज
जय देवनारायण भगवान
जय साडु माता
⚔⚔⚔⚔⚔⚔

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

देव धाम देवमाली की कहानी

गुर्जर जाति के गौरव 24 बगड़ावत भाई

गुर्जर प्रतीक चिन्ह सम्राट कनिष्क का शाही निशान