इतिहास का सबसे बड़ा खुलासा, राणा प्रताप गुर्जर वंश के थे

कुछ प्रमाण यहाँ दिये जा रहे हैं जो स्पष्टत: राणा प्रताप के वंश के बारे मे यह दर्शाते हैं कि वे गुर्जर वंश से थे।
महाराणा प्रताप आर्यावर्त के महान सूर्यवंशी चक्रवर्ती सम्राटों के वारिस थे। उनका गुहिलोत वंश छठी शताब्दी में गुर्जर साम्राज्य के सूर्यवंशी सम्राट गुहिल (गुहदत्त) से प्रारम्भ हुआ था, जो राजस्थान सहित दक्षिण में मालवा व नर्मदा नदी तक फैला हुआ था। यहाँ के शासक प्रारम्भ से ही पश्चिम की ओर से होने वाले विदेशी हमलावरों से भारत भूमि की रक्षा करते रहे थे। इसी वंश मे पैदा हुए बप्पा रावल (कालभोज) ने इरानी और अरबी यवन आक्रान्ताओं के इस्लामी साम्राज्यवाद से संघर्ष कर हिन्दु धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा की थी। इन्हीं के पुत्र रावल खुमाण प्रताप को ‘खुमाण’ भी कहा जाता हैं। इसी वंश मे महाराणा हम्मीर, महाराणा लाखा, पितृभक्त महाराणा चूण्डा, महाराणा कुम्भा जैसे वीर शिरोमणी, उदार और महापराक्रमी शासक हुये थे, जिन्होनें हिन्दु राष्ट्र की अस्मिता और अखण्डता के लिये विदेशी आक्रान्ताओं से लगातार संघर्ष किया। वे देश की स्वतंत्रता के आदेश पुजारी थे।
(पाथेय कण, जून(प्रथम) 1996 पृष्ठ संख्या 7 कालम 1)


टिप्पणियाँ

  1. Good work dear..
    I'm really happy after read it.
    Thanks for this information.. And proud to be a part of gurjar caste...

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    1. पाथेय कण पत्रिका कहा से प्रकाशित होती है।
      क्या इसके लेख की प्रामाणिकता है।
      और यदि ऐसे प्रमाण है तो क्या इतिहास में संशोधन हो सकता है......?

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    3. in 7th century north india and gujratra(gujrat+rajsthan)mai gujjar vansh ke raja the and bappa rawal bhi usi time ke raja te nagbhatt ne jb gujjaro ki sena ne arbo ko haraya tha tb rawal bappa bhi usi group mai tha

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    4. Matherchodo Bheschoro kuch to sharm hogi thodi bahut to sab chura Lo Bheschoro bhes churane tak he simit raho itihas mt churao...
      Mujhe samjh nhi ata soch kese lete ho tum sharm nhi ati par sharm ayegi bhi kese sharm to bhes churane me gu churane me bech khai sudhar jao varna....

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  2. उदयपुर का शिलालेख 1139ई में गेहलोत राजाओं को गुर्जर जाति का बताया है। गुहिल समूह के थे।यह कर्नल टॉड ने अपनी पुस्तक में बताया है।कार्यालय वेबसाइट म.प्र एवं राजस्थान सरकार पर देखा जा सकता है।

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  3. पन्ना धाय चौहान गुर्जर थी।अपनी ही जाति की महिला राजवंश में धाय माँ होती थीं।अत:राणा प्रताप भी गुर्जर वंश के थे।

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  5. अबे भोसड़ी वालो ganduyo भैंस चोरो कुछ तो शर्म करो
    क्यु राजपूतों को अपना बाप बना रहे हो मादरचोदो
    अपनी बहनों को तो बेच देते हो पैसे लेकर शादी करवा के फिर चाहे लड़का अंधा क्यु न हो बस पैसे चाहिए
    भैंसचोरो अब इतिहास भी चुराने लगे

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    1. कृपया प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करें। अभद्र भाषा का प्रयोग अशोभनीय है।गुर्जर प्राचीन क्षत्रिय आपके भाई हैं।गाली किसको दी है,विचार करें।

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    2. . म****** गाली मत दे गुर्जर तेरे बाप थे

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    3. मृदल भाई साहब आपने अपनी उदण्डता जाहिर कर दिया । राजपूत को आपने राम से जोड दिया, रामायण के किस भाग मे किसी भी जाती का वर्णन नही है ।परमार वंश के पतन के बाद ही राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है । इतिहास में बहुत मुश्किल है जातियों का सतोँँषजनक जबाब देना ।बहुत सारी वजह हो सकती है जाति का बनना, दूसरी जाति मे मिलन,जाति का अलग होना ।वही लोग एक जाति से दूसरी जाति मे भी गए ।नई जातियों का भी उदय होना ।
      झगड़ा नही विचार करें ।कारण ढुडे

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    4. मृदल भाई साहब आपने अपनी उदण्डता जाहिर कर दिया । राजपूत को आपने राम से जोड दिया, रामायण के किस भाग मे किसी भी जाती का वर्णन नही है ।परमार वंश के पतन के बाद ही राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है । इतिहास में बहुत मुश्किल है जातियों का सतोँँषजनक जबाब देना ।बहुत सारी वजह हो सकती है जाति का बनना, दूसरी जाति मे मिलन,जाति का अलग होना ।वही लोग एक जाति से दूसरी जाति मे भी गए ।नई जातियों का भी उदय होना ।
      झगड़ा नही विचार करें ।कारण ढुडे

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    5. मृदल भाई साहब आपने अपनी उदण्डता जाहिर कर दिया । राजपूत को आपने राम से जोड दिया, रामायण के किस भाग मे किसी भी जाती का वर्णन नही है ।परमार वंश के पतन के बाद ही राजपूत शब्द का प्रयोग हुआ है । इतिहास में बहुत मुश्किल है जातियों का सतोँँषजनक जबाब देना ।बहुत सारी वजह हो सकती है जाति का बनना, दूसरी जाति मे मिलन,जाति का अलग होना ।वही लोग एक जाति से दूसरी जाति मे भी गए ।नई जातियों का भी उदय होना ।
      झगड़ा नही विचार करें ।कारण ढुडे

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    6. हाँ हम भैस चराते है और चराते थे । हमने गर्दने कटवाई है,हमने विरोध किया है ।इसलिए हमने जो किया अपने दम पर किया है परन्तु मुगलो को सेकड़ो डोला नही दिया,अंग्रेजो की चमचागिरी नही किया अगर तुम चमछा नही होते तो 1857 मे ही देश आजाद होता ।

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  6. Maharana partap sisaudiya bans k h jo bhgban ram ka bans h bo gurjar nahi h

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    1. अबे भाई राम जी तो इक्ष्वाकु कुल जिसे बाद में रघुकुल के नाम से जाना गया उसके थे तू उन्हें भी सिसोदिया घोषित कररा। अनपढ़ है क्या, अधजल गगरी छलकत जाए। बेटा स्कूल में इतिहास पढ़ के आ तब बात करिए।

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  7. Hahahaha
    😂😂😂bhais charne wale jali aur sabut ikktha Karo humko apna baap banao 😂😂😂😂

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  8. ताकि बाण की गाड़ी मारु गुजरात से निकले अटाकामा में गुर्जरों की पैदाइश राजपूत

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  9. Yeh acha hai,jab tak saab aacha itihaas tha taab tak saab other caste ke the but jab desh thoda totane laga toh saab rajput ho gaye🤯🤣🤣😂😂 mein jaanana chata hoon in other caste waloon se ki aisa kya hua rattoon raat ki harne wale Sare raja rajput ho gaye aur jaab in other caste ne hamesha raaj kiya hai toh reservation kyu?

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  10. राजपूतों का चाटू कार अग्रेज इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड जिसने राजपूतों का इतिहास सबसे पहले लिखा " entiquity of Rajasthan" में वो उस किताब के पहले पेज पे लिखता है। मुगल काल से पहले राजपूत नाम की कोई जाति है ही नहीं थी।

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    1. विश्वास कलकत्ता रेवेन्यू अफसर ने भी टाड के साथ मिलकर किताब लिखा है । मुगलों के समय या उससे थोड़े पहले ही राजपूत जाति का नाम आता है । राजाओं ने अपने आप को राजपूत कहना शुरू कर दिया। उनके मन्त्री भी राजपूत, उनके कर्मचारी भी राजपूत, उनकी दासीपुत्र भी राजपूत।इसतरह इसमे भी वर्गीकरण हो गया ।इसमें सबसे नीचे तो दासीपुत्र ही रहे ।अपने हक से भी वचिंत रहे । ताकतवर लोग जो राजा ही होते थे उन्होंने अपने आप को श्रेष्ठ बना लिया ।अभी उदाहरण हैं मेवात के राजा सोहनपाल वे यादव राजपूत थे जो बाद मे मेव बन गए ।यह यादव राजपूत कौन सा राजपूत है अतार्थ यादव से राजपूत बने होगे।

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    2. Wah re ithihas chor rakhel ke put TM. Ho Rajputo ke

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  11. Wahh ji aur Bnao farzi story book tumhTum sach chupane .se nhi chupe ga
    To kripya ithihas .se ched char Mt kriye

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  12. Maharana Pratap ji Ki family hai abhi maharana Arvind Singh mewar or unke bete laxraj Singh Ji unse ek baar pucho ki bo Gurjjar hai k Rajput jab us gharane ka raja jinda hai to ap kyu uska itihas bta rahe hai kbhi mewar jao puch kr aao

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    1. पूछने से सच बताएगा, जी हा आप बताए कैसे कहे की राणा जी गुर्जर नही है

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  13. bhadwe chup kar ja madarchod randi ke bachche ghochar sab kuch chura salo randi ke bachche

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  14. Ye goojar गुजर apne aap ko jyada smjhdar smjhte hai baki sb ko mandbudhi ,khud ko dhire dhire goojar se gurjar likhna shuru kr diya ye r kya inki ma thakur ke yha se le kr ayi thi kya or khud ko ab gurjar pratihar bta rhe hai jitne bhi inke kshtriyo se milte gotr hai wo sb rajputo ki ayyashi ka natija hai ye goojar hao goojar bhains charane wale gurjar nhi ,sb praman hai aaj inke dhongi hone ke

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  15. किसी अस्पताल में जाकर ईलाज करवा तू अपना....

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  16. राणा कोई गौत्र नही उपाधि है ।गौत्र हमेशा नाम के पीछे लगता है ।राणा नाम के पहले सिर्फ चितोड़गढ़ वाले लगाते हैं ।
    राणा हित्तमसिंह ने सिसोदिआ वंश की नीव रखी क्योकि वे सिसोदा गाव से थे ।सवाल उठता है की गौत्र क्या है ।
    जब राजा अपनी बिरादरी से अलग तो कोई भी नौकर ही नही रखते थे । जाति नही वो तो गौत्र के ही कर्मचारी रखते थे । अभी आप जयपुर मे देख लीजिए दियाँ ने शादी किया वे उनका ही कर्मचारी था उनके ही पुरखो से कर्मचारी रहते आ रहे है ।फिर पन्ना धाय को कैसे रख लिया जो गुर्जेरी थी ।हकला गौत्र की बेटी और चौहान मे शादी हुआ ।
    गलत हो तो बताओ

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