दिल्ली पुलिस भर्ती में बजा इस गुर्जर गाँव जावली का डंका,एक साथ 31 युवा हुए सेलेक्ट
दिल्ली पुलिस भर्ती 2017 का रिजल्ट आउट हो गया है और गुर्जर समाज के एक जागरूक गाँव के युवाओं ने इस बार फिर रिकॉर्ड बनाया है ! किसी एक गाँव से इतनी बड़ी संख्या में युवक – युवतियों का सिलेक्शन वाकई गर्व का विषय है |
हम बात कर रहे है गुर्जर ग्राम जावली की जोकि जिला गाज़ियाबाद का एक चर्चित गाँव है ! इस गाँव के युवाओं ने मेहनत , लगन और मजबूत इच्छा शक्ति के बूते वो कर दिखाया जिस पर बिरादरी गर्व कर सकती है | इस बार हुई दिल्ली पुलिस परीक्षा में गाँव के 31 युवाओं ने सफलता प्राप्त की है | जिनमे 18 युवक और 13 युवतियां शामिल है
जावली गाँव के कुछ जागरूक लोगो ने मिलकर शहीद भरत सिंह कसाना के नाम पर लाइब्रेरी बनाई हुई है जिसमे युवा आकर तैयारी करते है ! जिसका फायदा उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ में मिलता है
जावली गाँव के ही बिट्टू कसाना जोकि स्वयं दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है और युवाओं को समय समय पर कोचिंग और गाइडेंस देते है , बात करने पर उन्होंने बताया कि गाँव में इस तरह का माहोल काफी पहले से है और युवा काफी जागरूक भी है , समय समय पर पहले से कार्यरत विभिन्न विभागों के लोग गाँव के प्रति अपने फर्ज को निभाने के लिए नए युवाओ को प्रोत्साहित करते है , तैयारी के लिए जरुरी सामग्री सेलेक्ट करने में मदद करते है !
गाँव के ही एक युवक वीरेंद्र कसाना ने ” विजन जावली ” के नाम से अकैडमी खोली हुई है जिसमे गाँव के साथ आस पास के गाँवों से छात्र तेयारी करने आते है | वीरेंद्र कसाना की मजबूत गाइडेंस के बूते अनेको युवक पहले भी विभिन्न क्षेत्रो में सफलता प्राप्त कर चुके है |
खुद की सफलता के बाद समाज को कुछ वापिस लौटाने के लिए गाँव के कुछ समर्पित लोग यदि मन में ठान ले तो हर गुर्जर गाँव वाकई जावली बन सकता हैl
इस गाँव में पहले से भी दिल्ली पुलिस में लगभग 200 लोग कार्यरत है और सैकड़ो अन्य विभागों में कार्य कर रहे है | यही नहीं अगर लडकियों की शिक्षा और सफलता की बात की जाए तो इस मामले में भी ये गाँव सबको पछाड़ने के लिए काफी है !
आजादी के बाद से ही ये गाँव विकास और शिक्षा के मामले में काफी ऊपर रहा है | दिल्ली के नजदीक के इस गाँव को आदर्श ग्राम की श्रेणी में रखा गया था ! साथ ही जब कोई विदेशी नेता किसी गाँव को देखने की इच्छा जताता तो अधिकतर इसी गाँव को दिखाया जाता |
jawli जावली
गाँव में कुछ साल पहले तक एक बहुत पुराना ट्रेक्टर खड़ा दीखता था जब उसके बारे में पूछा था तो ग्रामीणों ने बताया था कि लगभग 70 साल पहले जर्मनी के वाईस चांसलर ने अपने भारत दौरे के दौरान किसी भारतीय गाँव को देखने की इच्छा जताई थी तो उन्हें जावली गाँव लाया गया था ! यहाँ के रीति – रिवाजो , रहन सहन के स्तर और आथित्य सत्कार से वो इतना खुश हुए कि इस गाँव को एक जर्मन ट्रेक्टर देकर गये थे ! जोकि सालो तक गाँव की धरोहर बना रहा !
jawli जावली
आजादी के संग्राम में भी जावली गाँव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ! दिल्ली के नजदीक होने के कारण और क्रांतिकारियों को मदद करने के कारण ये गाँव लगातार अंग्रेजो के गुस्से का शिकार होता रहा | और अंग्रेजो ने यहाँ खूब रक्त बहाया ! आजाद हिन्द फ़ौज में भी जावली गाँव के बुजुर्गो ने अपनी कुर्बानियां दी ! गाँव के मुख्य रास्ते पर लगा शहीद लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना के नाम का पत्थर इस गाँव के पूर्वजो की क़ुरबानी की कहानी कहता है और युवाओं को प्रेरणा देता है
Gurjar samrat patrek kota ki aur say bauth bauth badhi ho 7062701000
जवाब देंहटाएंआभार भाई rajubaba
जवाब देंहटाएं