प्रताप राव गुर्जर के बलिदान स्थल नेसरी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र में उनकी याद में स्मारक
नेसरी कोल्हापुर, महाराष्ट्र(हेमराज गुर्जर जैतगढ़) हिंदवी स्वराज की स्थापना करने वाले शिवाजी महाराज की मराठा सेना में थल सेना के सेनापति प्रताप राव गुर्जर और नौसेना के सेनापति सिद्धो जी गुर्जर थे । थल सेना के सेनापति प्रताप राव गुर्जर का वास्तविक नाम कडतोजी गूर्जर था और प्रताप राव की उपाधि से शिवाजी ने उन्हें विभूषित किया था। प्रताप राव गुर्जर वास्तव में एक योग्य सामरिक योजनाकार और निपुण सेनानायक थे ।वह मुगलों और बीजापुरी सुल्तानों के विरूद्ध अनेक महत्वपूर्ण और निर्णायक युद्ध की जीत का नायक रहे । सिंहगढ़, सल्हेरी और उमरानी के युद्ध में जीत उनकी बहादुरी और रणकौशल के ही कारण मिली थी । प्रताप राव गुर्जर के हैरत अंगेज जंगी कारनामों की मुगल और दक्कन के दरबारों में भी चर्चा थी। प्रताप राव की उपाधि उन्हें शिवाजी ने सरनौबत (प्रधान सेनापति) का पद प्रदान करते समय दी थी। प्रताप का अर्थ होता है- वीर ।प्रतापराव गुर्जर के सेनापतित्व में अनेक लड़ाई लड़ी गई मगर विजय ने सदैव ही शिवाजी का स्वागत किया । प्रतापराव गुर्जर का दुखद अन्त 24 फरवरी 1674 को बीजापुर की सेना से लड़ता हुए नेसरी के युद्ध में हुआ । प्रताप राव गुर्जर अपने साथ छह सैनिकों के साथ ही बहलोल खान की 15000 सैनिकों की विशाल सेना से मुकाबला करते हुए वीर गति को प्राप्त हो गये। प्रताप राव गुर्जर और उनके छह साथियों के बलिदान की यह घटना मराठा इतिहास की सबसे वीरतापूर्ण घटना है। प्रतापराव और उनके साथियों के बलिदान पर प्रसिद्ध कवि कुसुमाग्रज ने ‘वेडात मराठे वीर दौडले सात’ नामक कविता लिखी है जिसे प्रसिद्ध गायिका लता मंगेश्वर ने गाया है। प्रताप राव गुर्जर के बलिदान स्थल नेसरी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र में उनकी याद में एक स्मारक भी बना हुआ है। छत्रपति शिवाजी के लेखक सेतु माधवराव पगादी ने पृष्ट 37 पर शिवाजी के भारत के इतिहास में योगदान के बारे में लिखा है।जिसका संक्षिप्त सार यह है कि शिवाजी भारत के पहले शासक थे जिन्होंने नौसेना खड़ी की और समुद्र द्वारा व्यापार करने की सन 1659 ई0 में योजना बनाई इसलिए उन्होंने सन 1664 मे हरनाई किले का स्वर्ण दुर्ग नामकरण किया और सिन्धु दुर्ग तथा पदमगढ़ दुर्ग का निर्माण कराया । भारतीय नौसेना की वेबसाइट पर सिद्धों जी गुर्जर के योगदान का वर्णन है l हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष अनिल तंवर ने कहा के आज लोगो ने प्रताप राव गुर्जर जैसे अमर बलिदानियो को भूला दिया है जिन्होंने देश की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया जोकि हमारे लिये दुर्भाग्य की बात है l आज देश के नौजवानों को इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए
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