गुर्जर प्रतीक चिन्ह सम्राट कनिष्क का शाही निशान


IGD - 2018

गुर्जर प्रतीक चिन्ह - सम्राट कनिष्क का शाही निशान [गुर्जर लोगो (Gurjar Logo) .... ब्रह्मास्त्र (पाशुपतास्त्र) का प्रतीक है ] को लेकर बिरादरी के प्रख्यात इतिहासकार डॉ. सुशील भाटी जी ( Sushil Bhati ) के विचार :

महान गुर्जर सम्राट कनिष्क के सिक्को पर पाए जाने वाले शाही निशान को कनिष्क का तमगा भी कहते है| कनिष्क के तमगे में ऊपर की तरफ चार नुकीले काटे के आकार की रेखाए हैं तथा नीचे एक खुला हुआ गोला हैं इसलिए इसे चार शूल वाला " चतुर्शूल तमगा ” भी कहते हैं |

कनिष्क का ‘चतुर्शूल तमगा” सम्राट और उसके वंश / ‘कबीले’ का प्रतीक हैं | इसे राजकार्य में शाही मोहर के रूप में भी प्रयोग किया जाता था| कनिष्क के पिता विम कडफिस ने सबसे पहले ‘चतुर्शूल तमगा’ अपने सिक्को पर शाही निशान के रूप में प्रयोग किया था| विम कडफिस शिव का उपासक था तथा उसने माहेश्वर की उपाधि धारण की थी | माहेश्वर का अर्थ - शिव भक्त भी है |

अब बिटटू भैया जी (Bittoo Kasana Jawli)की तरफ से .... इसमें तो कोई दो राय है ही नही की डॉ सुशील भाटी जी ने गहन रिसर्च करके उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखे है | उनके साथ मिलकर ... ग्राफिक्स के जादूगर नरेन्द्र कसाना जी (Narender Kasana ) ने " चतुर्शूल " को मॉडर्न रूप व् आकार दिया है | और आप देख भी सकते है कि ........ ये LOGO/INSIGNA कितना पोपुलर हो चूका है | बिरादरी के लिये किये गये इस निस्वार्थ कार्य के लिये ये दोनों बधाई के पात्र है |

आभार व नमन ।

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