गुर्जर भाईयों से निवेदन हे की अपनी प्राचीन धरोहर को बचालो
गुर्जर समाज के सभी भाइयो को राम राम सा 🙏🏻
आज में आपके सामने बगड़ावत श्री सवाई भोज महाराज एवं उनके 23 भाइयो द्वारा निर्मित अति प्राचीन गुर्जर समाज की अनमोल धरोहर लगभग 1150 वर्ष पुराने भगवान शंकर के मंदिर के बारे में अवगत करा रहा हूँ ।
जो कि अभी अपने गुर्जर समाज व पुरातन विभाग की अनदेखी के कारण जीर्ण- शीर्ण की अवस्था मे है ।जो कि जोधपुर जिले के बिलाड़ा कस्बे से मात्र 6 किलोमीटर दूर हर्ष गाँव के पास स्थित है । बड़े बुजुर्गों के अनुसार बगड़ावत यहाँ पर अपनी गायें चराया करते थे । बगड़ावत भगवान शिव के परम भक्त थे , शिव भक्ति के कारण किवदंतियों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि बगड़ावतों ने इस शिव मंदिर को एक ही रात में बनाया । कुछ कारणवश गुम्बद का ऊपरी हिस्सा पूर्ण न होने की वजह से या फिर हो सकता है क्षति ग्रस्त हुआ हो समय की मार से । जो आज भी अपूर्ण अवस्था मे है । समाज के गणमान्य व्यक्तियों से अपील करता हूं कि समाज की इस अनमोल धरोहर के संरक्षण हेतु आगे आये ।सरकार और संबधित विभाग को भी इसके सरंक्षण हेतु एक ज्ञापन देकर मुहिम चलाई जाए । पुरातन विभाग की तरफ से सिर्फ एक बोर्ड लगा हुआ है यहाँ पर जो कि नाकाफी है । मंदिर के
एक खंभे पर पेंट से लिखकर निर्माण संवत 1133 में ओर श्री सवाई भोज का जन्म संवत 1110 में हुआ बताया गया जो कि एकदम गलत है । और यह इस ऐतिहासिक पुरातन मंदिर के इतिहास के साथ छेड़छाड़ है ।भगवान श्री देवनारायण का अवतार संवत 968 में हुआ था । तो मंदिर भी लगभग 968 से 50- 60 वर्ष पहले बना होगा । उस समय का नहाने के लिए एक काफी बड़ा कुंड भी बना हुआ है जिसके अब अवशेष मात्र बचे है खंभो ओर सीढ़ियों के रूप में । जानकारी को आगे शेयर अवश्य करे ।
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