गुर्जरी माता पन्ना धाय पेनोरमा कमेरी


राजस्थान सरकार द्वारा बनाए गए महाबलिदानी पन्नाधाय पनोरमा राजसमन्द का माननीया मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे जी द्वारा उद्घाटन राजसमन्द में सार्वजनिक समारोह में किया गया।

राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह जी लखावत के मार्गदर्शन एवं प्रमुख शासन सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग श्री कुलदीप रांका के निर्देशन में बनाया गया है।

प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीकम बोहरा ने इस पेनोरमा की पटकथा लेखन और डिस्प्ले प्लान बनाने का कार्य किया। प्राधिकरण के सदस्य श्री कंवल प्रकाश जी किशनानी के परामर्श से अजमेर के जमाल  ने पनोरमा में डिस्प्ले का कार्य किया। इस उद्घाटन के अवसर पर प्राधिकरण की टीम में सदस्य श्री हुसैन खान भी मौजूद रहे। पनोरमा भवन का निर्माण कार्य प्राधिकरण के अधिशाषी अभियन्ता श्री सुरेश स्वामी के निर्देशन में सहायक अभियन्ता श्री सोहन लाल जी प्रजापति द्वारा कराया गया। इस पनोरमा में 2 डी फ़ाइबर पेनल 3 डी फ़ाइबर मूर्तियाँ मेसर्स आरती आर्ट्स जयपुर के आलोक बनर्जी द्वारा बनायी गयी।


पन्नाधाय पेनोरमा, कमेरी (राजसमन्द)

🔸नाम:- वीरांगना पन्नाधाय।
🔸पिता:- हरचंद जी हांकड़ा (गुर्जर)।
🔸जन्म स्थान:- चित्तौड़गढ़ के समीप पाण्डोली गांव।
🔸पति:- कमेरी गांव के चौहान गोत्रीय लालाजी गुर्जर के पुत्र श्री सूरजमल से पन्ना का विवाह हुआ। पन्ना का पति सूरजमल एक वीर सैनिक था और चित्तौड़ राज्य में सेवारत था।
🔸वंशज:- पन्ना का एकमात्र पुत्र चंदन था जिसकी बाल्यावस्था में ही बलि चढ़ाकर पन्ना ने मेवाड़ राज्य के कुलदीपक उदयसिंह की रक्षा की थी।
🔸चारित्रिक विशेषताएं:- विश्व इतिहास में पन्ना के त्याग जैसा दूसरा दृष्टांत अनुपलब्ध है। अविस्मरणीय बलिदान, त्याग, साहस, स्वाभिमान एवं स्वामिभक्ति के लिए पन्नाधाय का नाम इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। वह एक कर्तव्यनिष्ठ साहसी महिला थी।
🔸सामाजिक/राजनीतिक योगदान:- स्वामिभक्त और वीरांगना पन्ना ने महाराणा सांगा के छोटे पुत्र राजकुमार उदयसिंह की प्राण रक्षा के लिए अपने पुत्र चन्दन का बलिदान कर मेवाड़ के राजवंश की रक्षा की और मेवाड़ को अस्थिरता से बचा लिया। ➖पन्ना को महारानी कर्मवती की सेवा तथा उदयसिंह को अपना दूध पिलाने के लिए धाय मां के रूप में नियुक्त किया गया था। रानी कर्मवती की मृत्यु के बाद कुंवर उदयसिंह की देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी पन्ना ने अपना सर्वस्व समर्पित कर निभाई थीं। पन्ना के प्रयासों से ही उदयसिंह पुनः चित्तौड़ की राजगद्दी पर आसीन हो सका।
🔸जीवन की प्रमुख प्रेरणादायी घटनाएं:- चित्तौड़ का शासक बना बनवीर जब कुंवर उदयसिंह की हत्या करने हेतु नंगी तलवार लिये आधी रात को पन्ना के कक्ष में प्रविष्ट हुआ और पूछने लगा कि उदयसिंह कहां है, तो वीरांगना पन्ना ने अपने पुत्र चंदन की ओर इशारा कर दिया। दुष्ट बनवीर ने चंदन के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। किन्तु बहादुर पन्ना ने उफ् तक नहीं की। बनवीर के जाने पर पन्ना ने चतुराई से उदयसिंह को महल के बाहर भेजकर, अपने पुत्र चंदन का दाह संस्कार किया और स्वयं भी चुपचाप महल से निकल गई।
➖पन्ना ने न केवल उदयसिंह की जान बचाई अपितु उसे सुरक्षित रखने हेतु दर-दर की ठोकरें खाई। अंत में कुभलगढ़ के किलेदार आशा शाह देवपुरा ने इन्हें शरण दी। यही नहीं पन्ना ने राजनीतिक कौशल दिखाते हुए अवसर आने पर कुंभलगढ़ में ही मेवाड़ के प्रमुख सरदारों को एकत्रित करवाकर कुंवर उदयसिंह का राज्याभिषेक करवाया। ➖उदयसिंह के चित्तौड़ विजय कर पुनः राजगद्दी पर बैठने तक पन्ना ने चैन की सांस नहीं ली।
सन् 1540 ई. में चित्तौड़ दुर्ग पर महाराणा उदयसिंह का आधिपत्य हो गया। महाराणा उदयसिंह ने कुंभलगढ़ से महारानी जैवंती बाई, राजकुमार प्रतापसिंह, धाय मां पन्ना को चित्तौड़ बुला लिया। पन्नाधाय ने अपना संकल्प और जीवन साधना पूर्ण होने पर ही वापस चित्तौड़गढ़ में प्रवेश किया। महान् बलिदानी पन्नाधाय ने जिस साम्राज्य की रक्षा हेतु अपने पुत्र चंदन की बलि चढ़ा दी और राज्य के वास्तविक उत्तराधिकारी को सुरक्षित रखने के लिए जीवन भर संघर्ष किया, उसकी वह तपस्या सफल हुई। पन्ना का समर्पण सार्थक हुआ। प्रतापसिंह जैसे विश्वविख्यात देशभक्त शूरवीर और स्वाभिमानी व्यक्ति ने जिस वंश में जन्म लेकर महाराणा के पद को सुशोभित किया, वह पन्नाधाय के अमर बलिदान से ही संम्भव हुआ।

टिप्पणियाँ

  1. जय माँ साडू के लाल की
    हेम जी ज्यादा से ज्यादा पोस्ट ब्लॉग स्पॉट पर ही करे

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. Farji itihas hai panna dhay gujri nhi kshtrani thi gagron ke shtrusena khinchi ki beti thi jisko uday singh ki raksha ka kam diya gya tha ye pani milane wale goojro ne kitna jhut milaya hai itihaas mai ab ye goojr apne aap ko gurjar lukh khud ko prihar bta rhe hai murkh dhurt thag

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  4. https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE_%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%AF

    Ja padh le blogs bna kr farji itehaas bta rha hai

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