समाज में फैली कुरीतियों रूढ़िवादी कुप्रथाओं पर लगे रोक
समाज के निडर और साहसी अधिकारी रामसुख जी गुर्जर sdm कुचामन ने अजमेर जिले में नसीराबाद के पास होने वाली बावनी यानी मृत्युभोज जिसमें 52 गांवों को भोज दिया जाता है का विरोध करने की शुरुआत की और अजमेर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को अपनी ओर से एक लेटर लिख कर के इस कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की। लेकिन फिर भी प्रशासन की नाकामी की वजह से एवं गुर्जर समाज द्वारा अपनी मूंछ की लड़ाई का विषय बना लेने की वजह से यह कार्यक्रम हुआ इसमें लगभग 5 करोड रुपए समाज के खर्च हुए हैं जो कि हमारे लिए बहुत ही शर्मनाक है हमारे राजस्थान का एक हिस्सा अजमेर जिला जिसमें इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं हम हमारे मेहनत और खून पसीने की कमाई को तो इस प्रकार के रूढ़िवादी कुप्रथाओं में लगा देते हैं फिर दो पैसे बचाकर अपने बच्चों को कैसें पढाएंगे । यह हमारी मजबूरी है या मुर्खता इस विषय पर शोध करने की जरूरत है। कुछ भाइयों का मानना है कि इस बावनी वाले मृत्युभोज में बच्चों की शादियां भी होती है और अभी हाल ही में संपन्न बावनी में लगभग सो जोड़ों की शादी अभी हुई ऐसा लोग मानते हैं इन लोगों का मानना है कम पैसे पर बावनी...