”हिमालय के यायावर” – पढ़िए वतन के कितने वफादार है ये गुर्जर !
लीजिये,पहाड़ के इन गुज्जरो से मिलिए । पहाड की खडी चढाई को हांफ – हांफ कर नही , बल्कि बडी उत्सुकता, बडे उत्साह से पार कर रहे है । जी ये तो चुस्त पाजामा – सा पहने है ओर नीचा कुर्ता मुसलमानी ढंग का । ” क्या नाम हे तुम्हारा ? ” मै पूछता हूं । ” अल्लारखा” । मुसलमान हो ? ” जी हां ” । ” ओर जाति” ? ” गुज्जर ” । ओर मे उनके साथ चल पडता हूं । जम्मू कश्मीर में एक गुर्जर (Gurjar) परिवार – गुज्जर (Gurjar) परिवार पूरा का पूरा साथ चल रहा है । वे गांव मे पीछे शायद ही किसी को छोडते है । बच्चे, बूढे, स्त्री – पुरूष सभी कारवां मे होते हे । इनके पास भेड बकरीया नही होती । गाये रखते हे तो मोटी – मुटल्ली भेसै भी बडै- बडै सींगों वाली । अगर कोई सामने पड जाये तो सीधे घाटी की सैर करा कर ही छोडे । पुरूष के कंधे पर पडा है कम्बल । पैरो मै दैशी जूता । मोटे गाढे का कम्बल । लम्बा कुर्ता, सिर पर पगडी ओर फिर लुंगी जैसी धोती । यह रूप है यहा के गुज्जर का । हिमालय के “यायावर ” स्त्रीया भी लम्बा कुर्ता ओर सलवार जैसा वस्त्र पहनती है । उनकी कमर पर बच्चा ब...